ग़ज़ल – गम का खज़ाना
स्वर – लता मंगेशकर, जगजीत सिंह
एल्बम – सज़दा
शायर – शाहिद कबीर
संगीत – जगजीत सिंह
लेबल – सारेगामा

गम का खज़ाना तेरा भी है, मेरा भी
गम का खज़ाना तेरा भी है, मेरा भी
ये नज़राना तेरा भी है, मेरा भी…..
ये नज़राना तेरा भी है, मेरा भी…..
अपने गम को गीत बनाकर गा लेना….
अपने गम को गीत बनाकर गा लेना
राग पुराना तेरा भी है, मेरा भी
राग पुराना तेरा भी है, मेरा भी
राग पुराना तेरा भी है, मेरा भी
राग पुराना तेरा भी है, मेरा भी
गम का खज़ाना तेरा भी है, मेरा भी….
तू मुझको और मैं तुमको समझाऊँ क्या
तू मुझको और मैं तुमको समझाऊँ क्या
दिल दीवाना तेरा भी है, मेरा भी
दिल दीवाना तेरा भी है, मेरा भी
दिल दीवाना तेरा भी है, मेरा भी
दिल दीवाना तेरा भी है, मेरा भी
गम का खज़ाना तेरा भी है, मेरा भी…..
शहर में गलियों गलियों जिसका चर्चा है
शहर में गलियों, गलियों जिसका चर्चा है
वो अफ़साना तेरा भी है, मेरा भी
वो अफ़साना तेरा भी है, मेरा भी
मैखाने की बात ना कर वाइज़ मुझसे
मैखाने की बात ना कर वाइज़ मुझसे
आना जाना तेरा भी है मेरा भी
आना जाना तेरा भी है मेरा भी
गम का खज़ाना तेरा भी है, मेरा भी
ये नज़राना तेरा भी है, मेरा भी
गम का खज़ाना तेरा भी है, मेरा भी ||
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